नमस्कार !
कार्यक्रम में उपस्थित गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेन्द्र भाई, केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला जी, मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, बिज़नेस वर्ल्ड के सभी गणमान्य साथी, यहां उपस्थित अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों!
आज भारत के बढ़ते आर्थिक सामर्थ्य, भारत के बढ़ते तकनीकी सामर्थ्य और भारत पर विश्व के बढ़ते भरोसे के लिए ये दिवस बहुत महत्वपूर्ण है, एक अहम दिन है। ऐसे समय में जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आधुनिक होते भारत के नए संस्थान और नई व्यवस्थाएं, भारत का गौरव बढ़ा रही हैं।
आज गिफ्ट सिटी में, International Financial Services Centres Authority – IFSCA Headquarters Building का शिलान्यास किया गया है। मुझे विश्वास है, ये भवन अपने आर्किटैक्चर में जितना भव्य होगा, उतना ही भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के असीमित अवसर भी खड़े करेगा। IFSCA एक enabler भी बनेगा, innovation को सपोर्ट करेगा, और इस सबके साथ growth opportunities के लिए एक catalyst का काम भी करेगा। गिफ्ट सिटी में NSE IFSC- SGX Connect की launching के जरिए आज ये शुरूआत हो रही है।
साथियों,
आज India International Bullion Exchange उसको भी launch किया गया है। New Development Bank के Indian regional office, 3 Foreign Banks, और 4 International Trade Financing Services Platforms, इन सबके साथ अनेक महत्वपूर्ण पड़ावों को आज हमने पार किया है। इनसे 130 करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य को आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ने में और मदद मिलेगी।
भारत अब USA, UK और सिंगापुर जैसे दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो रहा है जहां से ग्लोबल फाइनेंस को दिशा दी जाती है। मैं इस अवसर पर आप सभी को, और सभी देशवासियों को अनेक–अनेक बधाई देता हूँ। मैं विशेष रूप से सिंगापुर के अपने साथियों का भी अभिनंदन करता हूँ जिनके सहयोग से दोनों देशों के लिए संभावनाओं के आयाम खुल रहे हैं।
साथियों,
गुजरात में रहते हुए जब मैंने गिफ्ट सिटी की परिकल्पना की थी, तो वो केवल व्यापार–कारोबार या आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं था। गिफ्ट सिटी की परिकल्पना में देश के सामान्य मानवी की आकांक्षाएँ जुड़ी हैं। गिफ्ट सिटी में भारत के भविष्य का विज़न जुड़ा है, भारत के स्वर्णिम अतीत के सपने भी जुड़े हैं।
मुझे याद है, जनवरी 2013 में जब मैं ‘गिफ्ट वन’ के inauguration के लिए यहाँ आया था, तब लोग इसे गुजरात की सबसे ऊंची बिल्डिंग कहते थे। कई लोगों के लिए यही इसकी पहचान थी। लेकिन, गिफ्ट सिटी एक ऐसा आइडिया था, जो अपने समय से भी बहुत आगे था। आप याद करिए, 2008 में World economic crisis और recession का दौर था। भारत में भी दुर्भाग्य से वो समय policy paralysis का माहौल था। लेकिन, उस समय, यानी कल्पना कीजिए उस समय की दुनिया की स्थिति, उस समय गुजरात Fintech के क्षेत्र में नए और बड़े कदम बढ़ा रहा था। मुझे खुशी है कि वो idea आज इतना आगे बढ़ चुका है। गिफ्ट सिटी commerce और technology के हब के रूप में अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। गिफ्ट सिटी wealth और wisdom, दोनों को celebrate करता है। मुझे ये देखकर भी अच्छा लगता है कि गिफ्ट सिटी के जरिए भारत, विश्व स्तर पर सर्विस सेक्टर में मजबूत दावेदारी के साथ आगे बढ़ रहा है।
साथियों,
गिफ्ट सिटी की एक और खास बात ये है कि ये tri-city approach का प्रमुख स्तंभ है। अहमदाबाद, गांधीनगर और गिफ्ट सिटी, तीनों एक दूसरे से सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर हैं। और तीनों की ही अपनी एक विशेष पहचान है। अहमदाबाद, एक गौरवशाली इतिहास को अपने–आप में समेटे हुए है, गांधीनगर प्रशासन का केंद्र है, नीति और निर्णयों का मुख्य मथक है और गिफ्ट सिटी अर्थतंत्र का प्रमुख केंद्र है। यानी अगर आप इन तीनों में से किसी भी शहर में जाते हैं तो past, present या future से सिर्फ तीस मिनट की दूरी पर हैं।
साथियों,
गिफ्ट सिटी से जुड़े initiatives, ‘ease of doing business’ और ‘ease of living’ की दिशा में हमारे प्रयासों का हिस्सा भी हैं। हमें ये याद रखना होगा कि एक vibrant fintech सेक्टर का मतलब केवल easier business climate, reforms और regulations तक ही सीमित नहीं होता। ये अलग अलग क्षेत्रों में काम कर रहे professionals को एक बेहतर जीवन और नए अवसर देने का माध्यम भी है।
गिफ्ट सिटी एक ऐसी जगह बन रहा है, जहां से नए नए ideas निकल रहे हैं, wealth creation हो रहा है, और दुनिया के सबसे बेहतर minds आकर यहां सीख रहे हैं, grow कर रहे हैं। यानि गिफ्ट सिटी एक तरह से भारत के पुराने आर्थिक गौरव को प्राप्त करने का भी एक माध्यम बन रहा है। यहां इंडस्ट्री के जो दिग्गज हैं, वो जानते हैं कि भारत के लोग सैकड़ों वर्षों से व्यापार और व्यवसाय के लिए पूरी दुनिया में जाते रहे हैं। दुनिया का ऐसा शायद ही कोई हिस्सा हो जहां भारतीय न पहुंचे हों। भारतीय व्यापारी innovative financing techniques, उसका भी इस्तेमाल करते थे।
मैं जिस जगह से आता हूं, मेरा जो जन्म स्थान है – वडनगर, वहां खुदाई चल रही है और वहां भी खुदाई में प्राचीन काल के सिक्के मिल रहे हैं। ये इस बात का सबूत है कि हमारी व्यापारिक व्यवस्था और संबंध कितने व्यापक थे। लेकिन, आजादी के बाद हम खुद ही अपनी विरासत को, अपनी इस ताकत को पहचानने से कतराने लगे। संभवत: ये गुलामी और कमजोर आत्मविश्वास का असर था कि हमने अपने व्यावसायिक, सांस्कृतिक और दूसरे सम्बन्धों को जितना हो सका सीमित कर दिया। लेकिन, अब नया भारत इस पुरानी सोच को भी बदल रहा है। आज integration हमारे लिए सबसे बड़ा महत्वपूर्ण एजेंडा है। एक ग्लोबल मार्केट्स के साथ, ग्लोबल सप्लाई चेन्स के साथ तेजी से integrate कर रहे हैं। और गिफ्ट सिटी भारत के साथ साथ ग्लोबल opportunities से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण गेटवे है। जब आप गिफ्ट सिटी के साथ integrate करेंगे, तो आप पूरे वर्ल्ड के साथ integrate करेंगे।
साथियों,
आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी economies में से एक है। इसलिए, भविष्य में जब हमारी economy आज से भी कहीं ज्यादा बड़ी होगी, हमें उसके लिए अभी से तैयार होना होगा और बड़ा होना तय है। हमें इसके लिए ऐसे institutions चाहिए, जो global economy में हमारे आज के और भविष्य के रोल को cater कर सके। India International Bullion Exchange – IIBX इसी दिशा में एक कदम है।
गोल्ड के लिए भारत के लोगों का प्यार किसी से छिपा नहीं है। सोना भारत में महिलाओं की आर्थिक शक्ति का बड़ा माध्यम रहा है। महिलाओं के विशेष स्नेह के कारण Gold हमारी समाज और सांस्कृतिक व्यवस्था का भी उतना ही अहम हिस्सा रहा है। ये एक बड़ी वजह है कि भारत आज सोने–चांदी के क्षेत्र का एक बहुत बड़ा मार्केट है। लेकिन, क्या भारत की पहचान सिर्फ इतनी ही होनी चाहिए? भारत की पहचान एक market maker की भी होनी चाहिए। IIBX इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी गोल्ड से जुड़ी इंडस्ट्री के प्लेयर्स को, खासतौर पर ज्वेलर्स को, ये विस्तार करने में मदद करेगा, उनके लिए नए अवसरों का मार्ग बनाएगा। वो direct और transparent तरीके से सीधे bullion खरीद सकेंगे, और international price discovery में participate भी करेंगे। साथ ही, IIBX exchange के जरिए सीधे गोल्ड में ट्रेड करने के अवसर भी देगा। जैसे जैसे गोल्ड ट्रेडिंग की मार्केट organized होगी, भारत में गोल्ड की डिमांड गोल्ड prices को प्रभावित भी करेगी, और निर्धारित भी करेगी।
साथियों,
आने वाले समय में भारत में जो कुछ भी होगा, उसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा, उससे पूरी दुनिया को दिशा मिलेगी। हम लोकल aspirations को भी महत्व देते हैं, और ग्लोबल cooperation का महत्व भी समझते हैं। एक ओर, हम ग्लोबल कैपिटल को लोकल वेलफ़ेयर के लिए ला रहे हैं। तो दूसरी ओर हम लोकल productivity को ग्लोबल वेलफेयर के लिए harness भी कर रहे हैं। आज भारत में रिकॉर्ड फ़ॉरेन डायरैक्ट इनवेस्टमेंट आ रहा है। ये इनवेस्टमेंट देश में नए अवसर पैदा कर रहा है, युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है। ये हमारी इंडस्ट्री को ऊर्जा दे रहा है, हमारी productivity को बढ़ा रहा है। और ये productivity केवल भारत की ही ताकत नहीं बन रही है, इसका लाभ पूरे विश्व को हो रहा है। ये बात सही है कि, आज जो investors भारत में invest कर रहे हैं, वो अपने investment पर अच्छे returns कमा रहे हैं। लेकिन, इसके प्रभाव, इससे जुड़ी संभावनाएं इससे भी कहीं ज्यादा व्यापक हैं। आज हमारे exports record level को छू रहे हैं। हमारे products नए नए देशों में, नए नए markets में पहुँच रहे हैं।
एक ऐसे समय और वो समय ऐसा है जब ग्लोबल सप्लाई चेन्स अनिश्चितता का शिकार हैं, दुनिया इस अनिश्चितता से आशंकित है, भारत दुनिया को quality products और services का भरोसा दे रहा है। इसीलिए, जैसा कि मैंने कहा, ये लोकल वेलफेयर के लिए ग्लोबल कैपिटल और ग्लोबल वेलफेयर के लिए लोकल productivity का एक अद्भुत combination है। गिफ्ट सिटी से जुड़े सभी institutions इस bond को और मजबूत करने का काम करेंगे। यहां कई institutions ऐसे हैं जिनके पास ग्लोबल footprints भी हैं, और लोकल connect भी है।
साथियों,
नए भारत के नए संस्थानों से, नई व्यवस्थाओं से मेरी बहुत सी अपेक्षाएं भी हैं और आप पर मेरा पूरा भरोसा भी है। आज 21वीं सदी में finance और टेक्नालजी एक–दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। और बात जब टेक्नालजी की हो, बात साइन्स और सॉफ्टवेयर की हो, तो भारत के पास edge भी है, और experience भी है। आज real time digital payments में पूरी दुनिया में 40 परसेंट हिस्सेदारी अकेले भारत की है। आज हम इसमें लीडर हैं। Fintech के क्षेत्र में भारत की ये ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है। इसलिए, मेरी आप सबसे अपेक्षा है कि Fintech में आप नए नए innovations के लिए टार्गेट करें। GIFT IFSC fintech की ग्लोबल लैबोरेटरी बनकर उभरे।
साथियों,
मैं एक और अहम पक्ष की तरफ आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं। भारत के लिए success और service, सफलता और सेवा एक दूसरे के पर्याय हैं। जनकल्याण से जगकल्याण, ये हमारी भावना है। इसीलिए, आज भारत sustainable development के क्षेत्र में वैश्विक संभावनाओं का नेतृत्व कर रहा है। हमने अपने लिए Net zero carbon emission का लक्ष्य तय किया है। राष्ट्रीय स्तर पर हम गतिशक्ति मास्टर प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं, renewable energy और e-mobility के नए रेकॉर्ड्स बना रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत इंटरनेशनल सोलर अलायंस को दिशा दे रहा है। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारा समर्पण असीम संभावनाओं को खोलेगा। मैं चाहता हूँ कि GIFT IFSC, sustainable और climate projects के लिए global debt और equity capital का एक gateway बने। इसी तरह, भारत को aircraft leasing, ship financing, carbon trading, digital currency, और IP rights से investment management तक कई financial innovations की जरूरत है। IFSCA को इस दिशा में काम करना चाहिए। IFSCA को regulation और operation cost को भी न केवल भारत बल्कि दुबई सिंगापुर जैसे देशों की तुलना में भी competitive बनाना चाहिए। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि, IFSCA regulations में लीडर बने, rule of law के लिए high standards सेट करे, और दुनिया के लिए पसंदीदा arbitration center बन करके उभरे।
साथियों,
बैंकिंग सेक्टर के जो साथी यहां है, उनके सहयोग से पिछले 8 सालों में देश ने financial inclusion की एक नई wave देखी है। यहाँ तक कि, गरीब से गरीब भी आज formal financial institutions से जुड़ रहा है। आज जब हमारी एक बड़ी आबादी finance से जुड़ गई है, ये समय की मांग है कि सरकारी संस्थाएं और प्राइवेट प्लेयर्स, मिलकर कदम आगे बढ़ाएं। उदाहरण के तौर पर, आज बेसिक बैंकिंग से ऊपर उठकर financial literacy के क्षेत्र में, financial education के लिए बड़ा scope है। आज भारत में एक बड़ा aspirational class है जो growth के लिए invest करना चाहता है। अगर उनके लिए ऐसे financial courses हों जो उन्हें अलग–अलग financial instruments और उनके features, इसके बारे में सिखा सकें, तो इससे उन्हें बहुत हेल्प मिलेगी।
एक उदाहरण mutual funds का भी है। Association of Mutual Funds के मुताबिक 2014 में भारत में mutual fund industry की assets under management करीब 10 लाख करोड़ थी। इन आठ सालों में, जून 2022 तक ये 250 परसेंट बढ़कर 35 लाख करोड़ हो गई है। यानी, लोग invest करना चाहते हैं, वो इसके लिए तैयार हैं। हमें चाहिए कि हम उनके लिए education और information ensure करें। मैं तो कहूँगा कि हमारे financial ecosystem को non-finance colleges के साथ tie-up करना चाहिए, युवाओं को educate करना चाहिए। आखिरकार, ये युवा ही हैं जो आने वाले समय में earners और investors बनेंगे। इन courses में लोगों का भरोसा पैदा हो, इसके लिए उन्हें not for profit mode पर चलाया जाना चाहिए। गिफ्ट सिटी भी private players के कामकाज को देखकर इसके लिए एक अच्छा रोडमैप और ग्राउंड रूल्स तैयार करने पर काम कर सकता है। इस साल बजट में गिफ्ट सिटी में Foreign Universities को लेकर जो घोषणा हुई है, उससे भी इसे मदद मिलेगी।
साथियों,
मुझे विश्वास है कि आप देश के सामर्थ्य का पूरा सदुपयोग करेंगे, और अमृतकाल में देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। इसी भावना के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद! मैं गुजरात सरकार का भी धन्यवाद करूंगा कि गिफ्ट सिटी के इतने बड़े मिशन में गुजरात सरकार की नीतियां बहुत ही पूरक और पोषक बन रही हैं। और इसके लिए भी मैं गुजरात सरकार के सभी initiatives को उसकी सराहना करता हूं, गुजरात के मुख्यमंत्री जी का अभिनंदन करता हूं।
यहां मैं देख रहा हूं GEMs और ज्वैलरी की दुनिया के लोग भी बड़ी मात्रा में नजर आ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस अवसर को वो भलीभांति समझते हैं। उनके लिए कितना बड़ा अवसर पैदा हुआ है उसका अंदाज उनको भलीभांति आता है और उसका लाभ वे बहुत भरपूर उठाएंगे। इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार आपको बहुत–बहुत धन्यवाद देता हूं, बहुत–बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद !
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DS/TS/NS